हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा " पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैं।
:قال امیرالمؤمنين عليه السلام
إنَّ الدُّنيا وَالآخِرَةَ عَدُوّانِ مُتَفاوِتانِ، و سَبيلانِ مُختَلِفانِ؛ فَمَن أحَبَّ الدُّنيا و تَوَلّاها أبغَضَ الآخِرَةَ و عاداها، و هُما بِمَنزِلَةِ المَشرِقِ والمَغرِبِ، وَالماشي بَينَهُما كُلَّما قَرُبَ مِن واحِدَةٍ بَعُدَ مِنَ الاُخرى
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
दुनिया और आखिरत आपस में दो नासाज़गार दुश्मन और दो जुदा जुदा रस्ते हैं,इसलिए जो कोई इस दुनिया की इच्छा करेगा,और इस से दिल लगाएगा वह आखिरत से दुश्मनी रखेगा,वह दोनों
वह क्रमश पूर्व और पश्चिम हैं,और जो इन दोनों दिशाओं के बीच चलता है जब भी वह एक के करीब होगा उसे दूसरे से दूर जाना होगा।
नहजुल बलाग़ा हिक्मत नं.103